जनता के जीवन में बदलाव के लिए हर पीड़ा सहन करने को तैयार

जयपुर, 18 जुलाई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि विकास के लिए परिवर्तन लाना आसान काम नहीं है। फिर भी जनता के जीवन में बदलाव लाने के लिए राज्य सरकार हर प्रकार की चुनौतियों, अवरोधों, कष्ट और पीड़ा को सहन करने के लिए तैयार है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार सभी के सहयोग और प्रदेशवासियों के आशीर्वाद एवं उनके विश्वास से इस मंजिल को प्राप्त करते हुए आगामी 5 वर्षों में प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने में सफल होंगे।

श्रीमती राजे शुक्रवार को विधानसभा में राज्य के वर्ष 2014-15 के बजट पर हुई चर्चा का जवाब दे रही थी। उन्होंने कहा कि नागरिकों के बेहतर जीवन, आत्मसम्मान एवं राजस्थान को विकसित प्रदेश बनाने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने राज्य व केन्द्र में परिवर्तन लाने के लिए इतना भारी जनादेश देकर 60 वर्षों में देश के सामने रखे गये माॅडल को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को विकसित राज्य बनाने के साथ ही रोजगार के अवसरों का सृजन व आधारभूत ढांचे का विकास करते हुए लोगों के आत्मसम्मान को लौटाने की आवाज इस जनादेश में है।

विजन 2020 का निर्धारण किया
श्रीमती राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए विजन 2020 का निर्धारण किया है, इसे साकार करने में पिछले 5 वर्ष का वित्तीय कुप्रबन्धन आड़े आ रहा है। इन कठिनाइयों को भी हम दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास का रास्ता आसान नहीं होता है। हम 5 वर्षों में इसके लिए मेहनत करने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे और इसके लिए हमें अगर कठोर निर्णय लेने पड़ेंगे तो भी लेंगे, इसमें सभी का सहयोग जरूरी है।

कोई भी विद्यालय बंद नहीं होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोई भी विद्यालय बंद नहीं होगा। सरकार छात्र एवं शिक्षक अनुपात को ठीक करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हम केवल घोषणाओं में विश्वास नहीं रखते हैं, जो घोषणा करते हैं उसके लिए वित्तीय प्रावधान भी करते हैं। पिछली सरकार ने आनन-फानन में अगस्त, 2013 में 42 महाविद्यालय खोलने की घोषणा कर दी। इसमें से 15 महाविद्यालय तो खुले ही नहीं और 27 महाविद्यालय काम चलाऊ स्थिति में स्कूल, धर्मशाला एवं 5 कमरों के भवनों में चल रहे हैं।

राज्य प्रतिभा खोज परीक्षा शुरू
श्रीमती राजे ने कहा कि सरकार शिक्षा में गुणवत्ता पर जोर दे रही है और इसके लिए नेशनल टेलेन्ट सर्च परीक्षा की तर्ज पर कक्षा 9 से 11 के विद्यार्थियों के लिए राज्य प्रतिभा खोज परीक्षा शुरू करेगी। इससे शैक्षणिक स्तर का उन्नयन होने के साथ रोजगार के नये रास्ते खुलेंगे।

बयानों में रहते हैं, सदन में नहीं
श्रीमती राजे ने पूर्व मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वो सिर्फ बयानों में रहते हैं सदन में नहीं। सदन में आकर बहस में हिस्सा नहीं लेते हैं। बयानबाजी से कुछ समय के लिए तो जनता को गुमराह किया जा सकता है, हमेशा के लिए नहीं। जनता भी अब वस्तुस्थिति को समझ चुकी है। उन्होंने कहा कि हम रिफाइनरी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए रिनेगोशिएट करेंगे इसके लिए अलग-अलग स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों की वार्ता हो चुकी है।

रिफाइनरी की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने इसके लिए किए गए समझौते में राज्य के हितों का ध्यान नहीं रखते हुए एचपीसीएल की रिपोर्ट पर जैसा वो चाहते थे वैसे ही हस्ताक्षर कर दिए। उन्होंने कहा कि मुद्दा तेल के स्वामित्व का नहीं है जब पैसा हमारा, जमीन हमारी और तेल हमारा फिर भी मालिक कोई और क्यों? हमें स्वामित्व के 26 प्रतिशत शेयर ही मिले, क्या यह उचित है? उन्होंने कहा कि इतने बड़े प्रोजेक्ट की फाइल ही सरकार के पास उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी के बारे में कन्सलटेंट्स ने स्पष्ट किया है कि आगामी 15 साल में इस प्रोजेक्ट में 68 हजार करोड़ का कैश सरप्लस होगा, तो राज्य को 55 हजार करोड़ रुपये देने की क्या आवश्यकता है? विपक्षी इसका जवाब नहीं देते, बल्कि लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित स्वास्थ्य बीमा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इससे प्रदेश के 67 प्रतिशत नागरिकों को लाभ मिलेगा। वो सरकारी चिकित्सालयों के साथ-साथ निजी चिकित्सालय में भी अपना इलाज करवा सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में 9 हजार चिकित्सकों की कमी है। सरकार इसके लिए प्रयत्नशील है, प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों की सीटों में वृद्धि के साथ एक नया मेडिकल काॅलेज इस वर्ष शुरू हो गया है तथा प्रदेश में 7 नये मेडिकल काॅलेज और खोले जायेंगे।

कुप्रबंधन से ऊर्जा तंत्र छिन्न-भिन्न
श्रीमती राजे ने कहा कि गत सरकार के 5 वर्ष के कार्यकाल में कुप्रबंधन के कारण ऊर्जा क्षेत्र के वितरण तंत्र व रख-रखाव की व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई। हमारी सरकार ने आते ही 24 घंटे विद्युत आपूर्ति के लिए वितरण तंत्र को सुव्यवस्थित एवं सुदृढ़ करने के लिए फीडर सुधार एवं सब स्टेशन के कार्यक्रम शुरू किए हैं। जिसके तहत ढीले तारों के स्पान को ठीक करना, टेढ़े पोल को सीधा करना, खराब एबीसी केबल को बदलना, क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर सुधार कर उनकी क्षमता में वृद्धि करना तथा लम्बे स्पान के मध्य पोल स्थापित करने के कार्य करवाये जायेंगे, जिस पर करीब 1500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ये कार्य मार्च, 2015 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

रोडवेज को और मजबूत बनाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान पथ परिवहन निगम को बंद नहीं करेंगे अपितु इसे और अधिक मजबूत बनायेंगे। सरकार सुगम एवं सुरक्षित यातायात सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक योजनाबद्ध रिफार्म लिंक्ड एसिस्टेंट प्रोग्राम के तहत प्रयास किये जा रहे हैं, जिससे राज्य परिवहन निगम अपनी सेवाओं को प्रतिष्पद्र्धा के माहौल में बेहतर बनायेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी कर्मचारी को अपनी नौकरी से स्थायित्व पर कोई शंका नहीं रखनी चाहिए, उनकी सेवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि आरएसआरटीसी को बंद कर बस स्टेण्डों को निजी हाथों में सौंपने की आशंका बिल्कुल निराधार है।

मेट्रो के कार्यों की थर्ड पार्टी सेफ्टी आॅडिट
श्रीमती राजे ने अपने सम्बोधन में जयपुर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की चर्चा करते हुए कहा कि यह इकोनोमिकली वाइबल प्रोजेक्ट नहीं था पर इसमें भारी निवेश होने के कारण सरकार इसे पूरा करवायेंगी। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में गुणवत्ता की तरफ ध्यान नहीं देने के कारण मेट्रो ट्रेन प्लेटफार्म से टकरा गई। आगे इस प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आये इसके लिए परियोजना में जो भी काम हुए हैं उनका थर्ड पार्टी से सेफ्टी आॅडिट जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 5 वर्षों में 15 लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए हमारी सरकार ने अनुकूल वातावरण बनाते हुए ठोस प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए 398 करोड़ रुपये के महत्वाकांक्षी आजीविका स्किल प्रोजेक्ट का शुभारम्भ कर देश की 22 प्रतिष्ठित एजेन्सीयों से अनुबंध किया गया है। हम राज्य में पीपीपी मोड पर स्किल यूनिवर्सिटी खोलने जा रहे हैं। श्रीमती राजे ने कहा कि सम्भावित अकाल की स्थिति से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। हम स्थिति पर सतत निगरानी रख रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्र में शराब की दुकानें घटी
श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य में नई आबकारी नीति में शराब की एक भी दुकान नहीं बढ़ी है अपितु ग्रामीण क्षेत्र में 80 दुकानें कम हो गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के गठन के साथ ही हमने पुलिस को अधिक सक्रियता के साथ आपराधिक और असामाजिक तत्वों के विरूद्ध व्यापक कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही के परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं तथा राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार आने लगा है।