स्थानीय निकायों में “स्मार्ट लीडरशिप” जरूरी – केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री, विकास के लिए जनता का साथ और सतत् संवाद जरूरी

जयपुर, 30 सितम्बर। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री श्री एम. वैंकैया नायडू ने कहा है कि देश में स्थानीय निकायों की कार्यप्रणाली में बदलाव के लिए उनमें ‘स्मार्ट लीडरशिप‘ तैयार करना जरूरी है। ‘स्मार्ट लीडरशिप‘ के बल पर ही शहरी निकाय धरातल पर लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए एकीकृत योजना बनाकर सुनियोजित विकास की राह को आसान बना सकते है।

श्री नायडू मंगलवार को यहां शासन सचिवालय के कांफ्रेन्स हाॅल में ‘‘अरबन ट्रांसफोर्मेषन ब्लू प्रिंट’’ वर्कशाॅप के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने देश में स्मार्ट सिटीज विकसित करने के लिए ‘अरबन प्लानिंग‘ में भौतिक, आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत ढांचे की मजबूती पर फोकस करने की आवश्यकता जताई।

चुनौतियों को अवसर में बदलें

केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री ने कहा कि स्थानीय निकाय समस्याओं को चिन्हित कर उनके ऐसे व्यावहारिक हल खोजें, जिन पर आगे काम किया जा सके। उन्होंने शहरी विकास की चुनौतियों को अवसरों में बदलने की सोच के साथ कार्य करने पर बल देते हुए कहा कि जनता को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए सिस्टम में पारदर्षिता के साथ जवाबदेही को बढ़ाया जाए। सेटेलाईट टाउन, हैरिटेज सिटी, रिंग रोड, बाईपास रूट्स, मेट्रो, रिंग रेल, माॅल्स तथा विषेष हब विकसित करने की संभावनाएं तलाषे।

स्थानीय निकाय संसाधन बढ़ायें

श्री नायडू ने कहा कि स्थानीय निकाय आमजन से जुड़े धरातल के मुद्दों पर सक्रियता दिखाते हुए अपने संसाधनों में बढ़ोतरी के लिए कार्य करें, यह लोगों की अधिकाधिक सहभागिता से ही संभव है। उन्होंने शहरी निकायों द्वारा लिये जाने वाले लोन को समयबद्ध तरीके से चुकाने सहित अन्य प्रकार के सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि इसके लिए ‘कैपेसिटी बिल्डिंग‘ (क्षमता अभिवर्द्धन) जरूरी है। ऐसे सुधारों से ही देश में परिवर्तन आयेगा।

मुख्यमंत्री की सराहना

केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री श्रीमती राजे द्वारा आम लोगों की परेषानियों को समझ कर सामान्य नागरिकों की तरह अपने काफिले को ट्रैफिक लाइट्स (लालबत्ती) पर रोकने की पहल की सराहना की।

जनता से सतत् संवाद जरूरी – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि शहरी विकास में जनता का साथ और लोगों से सतत संवाद जरूरी है। माॅडल सिटीज के विकास की सम्भावनाओं के लिए यह जरूरी है कि हम शहरों की प्रकृति और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप समयबद्ध प्लान तैयार करें। उन्होंने कहा कि विष्व में तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण के कारण शहरों में उस स्तर की सुविधाएं नहीं मिल पर रही हैं, जैसी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लंदन व न्यूयाॅर्क सहित विष्व के बड़े शहरों का एक आर्थिक माॅडल है, जिसके आधार पर उन शहरों का विकास किया जाता है। राजस्थान में भी हमें देखना है कि कौन सा सर्वाधिक उपयुक्त माॅडल है जिसके आधार पर यहां शहरों का समुचित विकास किया जा सके और शहरों में रह रहे लोगों को स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके।

क्वालिटी सर्विसेज के लिए पीपीपी

श्रीमती राजे ने कहा कि शहरों में क्वालिटी सर्विसेज के लिए बनने वाली परियोजनाओं को पूरा करने के लिए हजारों करोड़ रुपए के बजट की आवश्यकता है, जिसे कोई भी सरकार अकेले नहीं कर सकती। इसके लिए हमें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरषिप एवं अन्य संभावनाआंे की ओर भी देखना होगा। शहरों के लोगों को अच्छी सुविधाएं मिलेंगी तो उन्हें इसका भुगतान करने में भी कोई परेषानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमें जयपुर, अजमेर, जोधपुर व कोटा के साथ दूसरे शहरों की भी आवश्यकताओं के अनुरूप संभावनाएं तलाष कर विकास करना होगा।

श्रीमती राजे ने टाटा स्टील द्वारा संचालित जमशेदपुर यूटिलिटीज एंड सर्विसेज कंपनी लिमिटेड का जिक्र करते हुए कहा कि टाटा द्वारा जमशेदपुर  शहर में उपलब्ध कराई जा रही बिजली, पीने के पानी, ड्रेनेज व अन्य सभी प्रकार की नागरिक सुविधाओं से लोग खुश हैं और उनका भुगतान भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां शहरों में अलग-अलग विभाग अलग-अलग जिम्मेदारी निभा रहे हैं। एक बार रोड बनने के बाद कभी पानी और कभी बिजली की लाइन डालने के लिए सड़क तोड़ी जाती है। समन्वय नहीं होने से इन सब में पैसे की बर्बादी होती है। उन्होंने कहा कि सरकार यहां भी प्रयास करेगी कि शहरों में इस तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने की संभावनाएं तलाषी जा सकें।

मुख्य सचिव श्री राजीव महर्षि ने कहा कि सरकार का लक्ष्य शहरों में पर्याप्त आवास के साथ अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इसके लिए सरकार निजी क्षेत्र के साथ मिलकर कार्य करना चाहती है। अतिरिक्त मुख्य सचिव, यूडीएच श्री अषोक जैन ने अरबन ट्रांसफाॅर्मेषन ब्लू प्रिंट पर प्रस्तुतिकरण देते हुए शहरी व स्थानीय निकायों के राजस्व अर्जन का एक स्थाई माॅडल तैयार करने की आवश्यकता जताई। एसीएस इन्फ्रा श्री सी.एस. राजन ने कहा कि शहरी विकास से जुडे विभागां में समन्वय स्थापित करने के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद की सदस्य श्रीमती स्वाती रामनाथन एवं श्री रमेष रामनाथन ने प्रदेश के शहरों के सुनियोजित विकास के बारे में अपने प्रस्तुतीकरण में अरबन रोड्स, ट्रैफिक सपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, ड्रेनेज, वाटर सप्लाई, सीवरेज तथा साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर फोकस करने का सुझाव दिया।

इस दो दिवसीय कार्यषाला में एषियन विकास बैंक की कन्ट्री डायरेक्टर टैरेसा हो, टाटा सन्स, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा, एल एण्ड टी, जीएमआर जैसी प्रसिद्ध कम्पनियों, क्रेडिट रेटिंग एजेन्सियों, इंस्टीट्यूट आॅफ चार्टेड एकाउन्टेंट एसोषियेषन के प्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के प्रमुख षासन सचिव, शासन सचिव तथा प्रदेश के शहरी निकायों के अधिकारी भाग ले रहे हैं।