सभी सुविधाओं से युक्त ‘ओल्ड एज होम’ स्थापित किए जाएंगे

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए निजी सहभागिता से ‘‘ओल्ड एज होम‘‘ शुरू किए जाएं। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों का एकाकीपन दूर कर उनका जीवन आसान बनाने के लिए सभी सुविधाओं, देखभाल और सुरक्षा के साथ समुदाय में रहने का विकल्प दिया जाना चाहिए।

श्रीमती राजे मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की बजट घोषणाओं की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी वृद्धावस्था पेंशनरों को बैंक खाते के माध्यम से पेंशन पहुंचाने का कार्य इस वर्ष के अंत तक शुरू कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि पेंशनरों की सूची में नियम-विरुद्ध ढंग से जोड़े गए अपात्र नामों को हटाकर इन सूचियों को दुरुस्त कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की ओर से आॅनलाइन पोर्टल के माध्यम से दी जाने वाली छात्रवृत्तियों का काम पूरी तरह पेपरलेस किया जाए ताकि छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति के लिए कागज लेकर चक्कर नहीं काटने पड़ें। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए जिला कलक्टरों से नियमित सम्पर्क में रहें।

श्रीमती राजे ने कहा कि विधवा एवं बीपीएल परिवारों की बेटियों के विवाह में सहायता राशि के चैक भेंट करने मंत्री, विधायक अथवा अन्य जनप्रतिनिधि स्वयं जाएं। उन्होंने कहा कि नारी निकेतनों एवं विमंदित गृहों में स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां रहने वालों को सहृदय वातावरण मिले सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पालनहार योजना से लाभान्वित होने वाले ऐसे बच्चे, जो अब व्यवस्थित जीवन जी रहे हैं, उन्हें रोल माॅडल के रूप में प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने समाज कल्याण छात्रावासों की स्थिति, भवनों की मरम्मत एवं उनमें सोलर लाइटें लगाने के काम की भी समीक्षा की।

महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की आॅनलाइन बिक्री की सम्भावनाएं तलाशी जाएं। उन्होंने कहा कि आंगनवाडि़यों पर वितरित किए जाने वाले पोषाहार की गुणवत्ता की नियमित जांच कराई जाए तथा माता यशोदा एवं नन्द घर जैसी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
विभाग के अधिकारियों ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मानदेय के आॅनलाइन भुगतान के लिए तैयार राजपोषण साॅफ्टवेयर तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों को स्वास्थ्य पोषण व प्री-स्कूल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित करने की योजनाओं की प्रगति की भी जानकारी दी।

इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अरुण चतुर्वेदी, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री पी.एस. मेहरा, समाज कल्याण विभाग के निदेशक श्री अम्बरीश कुमार, सचिव आयोजना श्री अखिल अरोड़ा और निदेशक आईसीडीएस डाॅ. पृथ्वी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 19 मई 2015