मुख्यमंत्री ने लाॅन्च की नई पर्यटन इकाई नीति

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित एम्बेसडर्स राउंड-टेबल कांफ्रेंस में नई राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2015 जारी की। नई पर्यटन नीति तत्काल प्रभावी होगी। इस नीति से सम्बन्धित अधिसूचनाएं इसके साथ ही जारी कर दी गई हैं।

एम्बेसडर्स राउंड-टेबल कांफ्रेंस का आयोजन 19 और 20 नवंबर, 2015 को जयपुर में होने वाले ‘रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट 2015’ के क्रम में किया गया था। इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव, पर्यटन, श्री एस.के. अग्रवाल ने वरिष्ठ राजनयिकों को नई नीति पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिया।

राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2015 जारी होने के साथ राज्य में नवीन निवेष प्रस्ताव प्राप्त होंगे। इस नीति में प्रस्तावित आर्थिक लाभ एवं रियायतें उन पर्यटन इकाइयों को भी उपलब्ध होंगी जो पूर्ववर्ती पर्यटन इकाई नीति-2007 के अन्तर्गत अनुमोदित हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2007 के तहत वर्ष 2015 तक लगभग 1,500 पर्यटन इकाइयों के प्रोजेक्ट पर्यटन विभाग द्वारा अनुमोदित किये गये हैं, जिनसे राज्य में लगभग 12,500 करोड़ रुपये का निवेष प्राप्त हुआ है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा यह नीति पर्यटन एवं यात्रा क्षेत्र के विभिन्न संगठनों के साथ विस्तृत विचार विमर्ष के उपरान्त तैयार की गई है।

राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2015 के मुख्य बिन्दु निम्नानुसार है

  • इस नीति में पर्यटन क्षेत्र की विभिन्न इकाइयों को व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है, जिनमें अब होटल, मोटेल, हैरिटेज होटल, बजट होटल, रेस्टोरेन्ट, केम्पिंग साइट, माइस/कनवेन्षन सेन्टर, स्पोट्र्स रिसोर्ट, रिसोर्ट, हैल्थ रिसोर्ट, एम्यूजमेन्ट पार्क, एनिमल सफारी पार्क, रोप वे, ट्यूरिस्ट लग्ज़री कोच, केरावेन एवं क्रूज पर्यटन समिलित है।
  • नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन पर्यटन इकाइयों का भूमि सम्परिवर्तन निःषुल्क होगा। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों में नई पर्यटन इकाइयों से विकास शुल्क नहीं लिया जायेगा।
  • नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान हैरिटेज सम्पत्तियों एवं हैरिटेज होटलों कोे भू-सम्परिवर्तन शुल्क से मुक्त किया गया है।
  • भू-सम्परिवर्तन के लिये समय सीमा निर्धारित की गई है एवं यदि कोई भी प्राधिकरण निर्धारित समय में निर्णय करने में विफल रहता है तो, भूमि को स्वतः ही भू-सम्परिवर्तित मान लिया जायेगा।
  • हैरिटेज होटलों के आच्छादित क्षेत्र पर नगरीय विकास कर आवासीय दर से वसूल किया जायेगा किन्तु उनके खुले क्षेत्र पर नगरीय विकास कर नहीं लिया जायेगा।
  • हैरिटेज होटल के लिए बी.एस.यू.पी. शेल्टर फण्ड केवल सकल निर्मित क्षेत्रफल पर देय होगा।
  • हैरिटेज होटलों को पट्टा जारी करने के लिये पात्र माना जायेगा।
  • नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में हैरिटेज होटलों के लिए सड़क की चैड़ाई की कोई बाध्यता नहीं होगी।
  • हैरिटेज होटलों एवं पुरासम्पत्तियों के आच्छादित क्षेत्रफल का अधिकतम 10 प्रतिषत अथवा 1000 वर्ग मीटर जो भी कम हो में खुदरा वाणिज्यिक उपयोग स्वतः अनुज्ञेय होगा।
  • भवन योजना का अनुमोदन संबंधित विभाग द्वारा निर्धारित समय सीमा में किया जायेगा।
  • पर्यटन इकाइयों को दोगुणा अर्थात् 2.25 से 4.50 एफ.ए.आर. अनुज्ञेय होगा।
  • सभी पर्यटन इकाइयां अपने लिए मानव संसाधन प्रषिक्षित करने हेतु राजस्थान कौषल एवं आजिविका विकास निगम के अन्तर्गत रोजगार से जुड़े कौषल प्रषिक्षण कार्यक्रम के लिए प्रषिक्षण संस्थानों के अनुमोदन के लिए पात्र होंगीे।
  • पर्यटन इकाई हेतु सम्परिवर्तित एवं आवंटित भूमि की लीज राषि संस्थानिक प्रयोजनार्थ निर्धारित आरक्षित दर के आधार पर ली जायेगी।
  • मान्यता प्राप्त टूर आॅपरेटर के ट्यूरिस्ट लग्ज़री कोचेज को स्पेषल रोड टैक्स में 50 प्रतिषत की छूट अप्रेल 2018 तक प्रदान की जायेगी।
  • पर्यटन इकाइयों एवं हैरिटेज होटलों को समस्त आर्थिक लाभ राजस्थान निवेष प्रोत्साहन योजना-2014 के अन्तर्गत देय होंगे।

नई दिल्ली/जयपुर, 4 जून 2015