केन्द्र और राजस्थान मिलकर “मेक इन इंडिया” को शिखर पर ले जाएंगे

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने उम्मीद जताई है कि देश और प्रदेश की मौजूदा लोकप्रिय सरकारें मिलकर ‘मेक इन इंडिया’ को शिखर पर ले जाएंगी और इस प्रयास में जापान सबसे महत्वपूर्ण भागीदार होगा। श्रीमती राजे आईची प्रांत के गवर्नर श्री हिदाइकी ओमुरा के नेतृत्व में आए बीस सदस्यीय उच्चस्तरीय जापानी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक को सम्बोधित कर रही थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नीमराणा में स्थित प्रथम जापानी इन्वेस्टमेंट जोन विषाल मैन्यूफैक्चरिंग ईकाइयों के साथ औद्योगिक हब बन गया है। इस जोन में डाइकिन, निसान, निप्पॉन, मित्सुई, मिकूनी एवं अन्य प्रतिष्ठित जापानी कम्पनियों ने परियोजनाएं स्थापित की है। उन्होंने कहा कि यह जोन 1167 एकड़ भूमि पर विकसित किया गया है। यहां पर 45 जापानी कंपनियों को 473 एकड़ भूमि आवंटित की गयी है। इनमें से 38 इकाइयों ने तो वाणिज्यिक उत्पादन भी शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि जापानी जोन में आइची प्रांत की पांच कम्पनियों द्वारा 531 करोड़ रुपये का निवेष किया जा चुका है जिससे 1,700 व्यक्तियों को रोजगार मिला है।

श्रीमती राजे ने कहा कि बीते अप्रैल में उनके जापान दौरे में 6 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। डाइकिन और यजाकी जैसी कम्पनियों के लिए विशेष पैकेज को मंजूरी दी गई है। इसके अतिरिक्त विदेषी ह्यूमन रिसोर्स एंड इंडस्ट्री डवलपमेंट एसोसिएषन द्वारा हिरोहामा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से नीमराना में एक स्किल डवलपमेंट सेंटर की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि जापान की सहायता से प्रस्तावित परियोजनाएं डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल काॅरिडोर राज्य के विकास में प्रमुख भूमिका निभायेंगी।

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को नवंबर में जयपुर में आयोजित होने जा रहे रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरषिप समिट में आमंत्रित किया।

इस अवसर पर आईची प्रांत के गवर्नर श्री हिदाइकी ओमुरा ने कहा कि नीमराना जापानी औद्योगिक परियोजनाओं के लिए उपयुक्त क्षेत्र बन गया है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा नीमराना के समीप घीलोठ में दूसरा जापानी जोन विकसित करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि आईची प्रांत और राजस्थान के उद्योगों के मध्य सम्पर्क और अधिक बढ़ेगा।

उद्योग मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई वार्ता से जापान के आइची प्रांत एवं राजस्थान के मध्य व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने जापानी कंपनियों की सराहना करते हुए कहा कि इस जोन में निर्मित किये जा रहें उत्पादों की गुणवत्ता बेहतरीन है।

इससे पूर्व, मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में निवेशकों के अनुकूल माहौल बनाने के लिए ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार ने ‘इज आॅफ डूइंग बिजनेस‘ के लिए इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट्स एक्ट, फैक्ट्रीज एक्ट एवं कॉन्ट्रैक्ट लेबर (रेगुलेशन एंड अबोलिशन) एक्ट में उपयुक्त संशोधन किए हैं।

आयुक्त, निवेष एवं एनआरआई, डॉ. समित शर्मा ने इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में राजस्थान में मिलने वाले लाभों और विषेषताओं पर प्रकाष डालते हुए एक प्रस्तुतीकरण दिया।

प्रतिनिधिमंडल में आईची प्रान्त असेंबली, नागोया चैम्बर आॅफ काॅमर्स, छुबू इकोनाॅमिक फैडरेषन, द इंडियन काॅमर्स एंड इंडस्ट्री एसोसिएषन जापान, जेट्रो (जापान एक्सटर्नल ट्रेड आॅर्गेनाइजेषन), केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय और जापान दूतावास के सदस्य शामिल थे।

जयपुर, 16 जुलाई 2015