स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर साँस्कृतिक कार्यक्रम, मुख्यमंत्री ने प्रस्तुतियों को सराहा

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कोटा के जे.के. पेवेलियन में शुक्रवार रात आयोजित राज्य स्तरीय साँस्कृतिक कार्यक्रम में कलाकारों ने राजस्थान की कला-संस्कृति एवं देशभक्ति से ओत-प्रोत प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कलाकारों की प्रस्तुतियों की सराहना की।

सावन की रिमझिम में सजी सुरमयी साँझ ने सभी का मन मोह लिया। राजस्थानी माटी की महक से सुसज्जित लंगा मांगणियार कलाकार छुग्गे खां के राजस्थानी लोक गायन, मुख्तियार अली ने सूफियाना शैली और रूपकुमार व सोनाली राठौड़ के गीतों ने श्रोताओं का दिल जीत लिया।

साँस्कृतिक संध्या का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलन कर किया। मुख्यमंत्री, पर्यटन मंत्री श्रीमती कृष्णेन्द्र कौर दीपा एवं दक्षिण आस्ट्रेलिया के निवेश एवं व्यापार मंत्री मार्टिन हेमिल्टन स्मिथ ने कलाकारों का सम्मान कर हौसला अफजाही की।

छुगे खान एवं साथियों ने खड़ताल एवं अन्य लोक वाद्यों की धुनों पर ‘केसरिया बालम पधारो म्हारे देस और झिरझिर बरसे मेघ’’ जैसे मादक-मधुर लोक गायन से अभिभूत किया। सूफी गायक मुख्तियार अली ने कबीर के दोहों को तरन्नुम में गाकर ज्ञान, संगीत और दर्शन की त्रिवेणी बहा दी। उन्होंने ‘रंग दे चुनरिया, छाप तिलक सब छीनी’ और ‘चदरिया झीनी से झीनी’ आदि प्रस्तुतियों से संगीत की सरिता बहायी। रूपकुमार राठौड़ एवं सोनाली राठौड़ की जोड़ी ने अलग-अलग अंदाज में संगीत की प्रस्तुतियां देकर खूब दाद पायी। उन्होंने ‘संदेसे आते हैं … और सरफरोशी की तमन्ना …..’ जैसे देशभक्ति से ओत-प्रोत गीतों से माहौल में स्वतंत्राता के रंग घोल दिए।

सांस्कृतिक संध्या का संचालन डाॅ. ज्योति जोशी एवं गोपाल सोनी ने किया।

कोटा, 14 अगस्त 2015