यूपी, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा से ज्यादा मिल रही है राजस्थान में बिजली

जयपुर, 28 अगस्त। पिछले वर्ष के अगस्त माह के मुकाबले इस बार अगस्त माह में बिजली की खपत दुगुनी होने और बिजली उत्पादन में अचानक कमी आने के कारण देश के अन्य प्रदेशों की तरह राजस्थान में भी बिजली का संकट गहरा गया है, लेकिन इसके बावजूद भी राजस्थान में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा से अधिक बिजली आपूर्ति हो रही है। किसानों को 5 घंटे बिजली मिल रही है, ताकि उनकी फसल खराब न हो। ग्रामीण क्षेत्रों में भी घरेलू बिजली कम से कम 18 घंटे मिल रही है। रात को 7 बजे से सुबह 7 बजे तक पूरे प्रदेश में कोई कटौती नहीं की जा रही। केवल रात्रि को 7 से 12 बजे तक बडे उद्योगों में कटौती है, जिसमें भी शीघ्र राहत दी जायेगी। यहां गौरतलब होगा कि राजस्थान में पिछले वर्ष इसी अगस्त माह में जहां 1400 लाख यूनिट प्रतिदिन सप्लाई की जा रही थी, उसके मुकाबले इसी अगस्त माह में इस वर्ष 2100 लाख यूनिट बिजली सप्लाई की जा रही है।

देश में बिजली का संकट उत्पन्न होने का बड़ा कारण यह भी है कि केन्द्रीय नियामक आयोग ने आयातित कोयले की कीमत बढ़ने की वजह से जो बढ़ी हुई दर लागू करने के आदेश दिए थे, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।

इसलिये टाटा, अडानी और दूसरे प्लांटों ने पूरे देश में बिजली उत्पादन कम कर दिया है। जिसका असर राजस्थान पर भी पड़ा है, क्योंकि टाटा द्वारा की जा रही बिजली आपूर्ति में राजस्थान का हिस्सा है। टाटा के दो यूनिट बंद होने से हमें 160 मेगावाट बिजली की कमी आ गई है, इसी तरह आरएपीपी में खराबी आने के कारण भी 250 मेगावाट की यूनिट फिलहाल बंद हो गई है। राजस्थान में अडानी के जो दो पावर प्लांट है, उसमें से एक प्लांट उसने भी बंद कर दिया है, इसलिये भी 600 मेगावाट की कमी और आ गई। यानि इन सब कारणों के चलते राजस्थान में करीब 1 हजार मेगावाट की अचानक कमी आ है, इसलिए प्रदेश में बिजली संकट उत्पन्न हो गया।
बात राजस्थान की ही नहीं है बिजली संकट से पूरा देश जूझ रहा है। फिर भी पड़ौसी राज्यों की बनिस्पत राजस्थान में कटौतियाँ सबसे कम हैं।