कागजों या विज्ञापनों में नहीं बाड़मेर की धरती पर लगेगी रिफाइनरी

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि रिफाइनरी बाड़मेर मे ही लगेगी। हमारी सरकार कागजों, विज्ञापनों या अखबारों पर नहीं धरातल पर रिफाइनरी लगाने की सोच रखती है। उन्होनें कहा कि राजस्थान के हित सुरक्षित रखते हुए रिफाइनरी का काम जल्दी ही शुरू होगा।

श्रीमती राजे शनिवार को बाड़मेर जिले मे पूर्व राजस्व मंत्री स्वर्गीय गंगाराम चैधरी की मूर्ति के अनावरण के अवसर पर आयोजित समारोह में जन सभा को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि रिफाइनरी का लाभ पूरे प्रदेश के साथ-साथ बाड़मेर को भी अधिक से अधिक मिले, इसके लिए रिफाइनरी की शर्तों पर पुर्नविचार किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने जमीन, तेल और पैसे पर राजस्थान की जनता का हक होने के बावजूद भी रिफाइनरी में हिस्सेदारी सिर्फ 26 प्रतिशत रखी जो उचित नहीं था। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही रिफाइनरी के लिए राज्य सरकार सड़क बनाने और अन्य सुविधाएं भी विकसित करने वाली थी, जिससे इस परियोजना में हमारी लागत दो गुना से भी अधिक होती और हिस्सा सिर्फ 26 प्रतिशत। इस करार में राज्य के हितों की बलि दी गई।

श्रीमती राजे ने कहा कि पिछली सरकार के समय राज्य को क्रूड आॅयल की राॅयल्टी अधिक मिलती थी परन्तु फिर भी विकास नहीं हुआ। हमारे समय में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट होने से राज्य को राॅयल्टी के रूप में मिलने वाले राजस्व में बहुत ज्यादा कमी आई है। फिर भी हमारी सरकार विकास में कोई कमी नहीं रख रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012-13 में राॅयल्टी से राजस्व 5069.88 करोड़ रूपये तथा वर्ष 2013-14 में 5953.11 करोड़ रूपये था, जो वर्ष 2014-15 में एक हजार करोड़ रूपये घट कर 4849 करोड़ रूपये रहा। वर्ष 2015-16 मे तो अगस्त माह तक के पांच महीनों में केवल 1333.88 करोड़ रूपये के राजस्व की प्राप्ति हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हम इन तथ्यों के साथ साथ प्रोजेक्ट की विशेषज्ञों द्वारा तैयार मूल्यांकन रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे हैं।

रेत के धोरों की समुद्र तक सीधी पहुंच

श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य सरकार कच्छ के रण से जालोर जिले के सांचोर तक एक परिवहन चैनल बनाने के लिए केन्द्र सरकार के सडक परिवहन एवं जहाजरानी मंत्रालय से फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करवा रही है। इस परियोजना के मंजूर होने पर जालोर में एक इनलैण्ड शिपिंग पोर्ट बनाया जाएगा। साथ ही जैसलमेर से मूदडा पोर्ट तक 330 किलोमीटर का रेल लिंक बनाने का प्रस्ताव भी रेल मंत्रालय के पास विचाराधीन है। इन दोनों परियोजनाओं के मंजूर हो जाने पर राजस्थान के रेत के धोरों की समुद्र तक सीधी पहुंच हो जाएगी और जिससे आने वाले समय में इस क्षेत्र की तस्वीर ही बदल जाएगी।

बाड़मेर/जयपुर 24, अक्टूबर 2015